prem bajaj
prem bajaj 23 Apr, 2022
भ्रम
मैं इस भ्रम में जीता रहा, जिस औलाद की उंगली पकड़ कर आज चलना सिखाया, वो मुझे हाथ पकड़ कर चलाएगा, क्या पता था एक दिन वो हाथ पकड़ कर वृद्धाश्रम छोड़ आएगा।

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by prembajaj

23 Apr, 2022

भ्रम

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