prem bajaj
19 Apr, 2022
इश्क का दुश्मन
यूं सरेआम ना किया करो ब्यान मोहब्बत अपनी,
ज़माने की नज़रों से डर लगता है,
मिलने ना दिया किसी ने, लैला-मजनूं को, ना हीर को रांझा का बनने दिया ,
बेदर्द है ज़माना ये सदा इश्क का दुश्मन हुआ करता है।
Paperwiff
by prembajaj
19 Apr, 2022
दुश्मन
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