रात थी अचंबित सी,

रात थी अचंबित सी

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Preeti
Preeti 21 Sep, 2020 | 0 mins read
#imagination #hindi #paperwiff #love # poetry

रात थी अचंबित सी,

एक नूर से छाई थी,

प्रकाशित दीप जलाने में,

बड़ी कठिनाइयाँ लाई थी,सूरज की किरणों से पहले,

प्रचंडता का ठहराव लाई थी,

सुनसान से वातावरण में,

एक लौ भुज कर आई थी,

सुबह की रोशनी से पहले,

एक नई चेतावनी अपने साथ लाई थी,

अंगारो की चिंगारी में सज कर,

घोर समस्याओं की चुनौती लाई थी,

नए दिप को प्रकाशित करने के लिए,

प्रचण्ड तपस्या में खिल कर आई थी,

वो रात थी अचंबित सी,

एक गहरी ठोकर लाई थी।


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Preeti

preetid05d5a

Comments

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  • Sonia Madaan · 4 years ago last edited 4 years ago

    👏👏

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