कोरोना का आकार कुछ इस कदर है फैल रहा,
मानों धरती को हो रहा हो नए आगमन का प्रचार,
हर रोज़ यह धरती के कई लोग बिखर रहे हैं, तड़प रहें हैं,
मानो जैसे आ गया हो धरती पर प्रकोप,
हालाकी यह किसी को नही पता कि आने वाले कल में अब क्या संकट इससे पैदा होने वाला है,
परन्तु मैं प्राथना करूँगी, कि हे प्रभु; जो भी संकट अब करीब आने वाला है उसका कोई उपाय बताओ,
आपके ही आँगन में हम सब पले बढ़े हुएँ हैं,
अब आप ही हमारी इस दशा को संभाल सकते हो,
आपसे दिल से प्राथना करती हूँ कि जो भी बीमार है इस प्रकोप से उसको ठीक कर दो और इस आकार को जल्द ही से ठीक कर दो।
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