Pragyan Parimita Nanda
02 Feb, 2023
खिलते फ़ुल
किसी उपवन में खिले
या किसी कि आँगन में
बसन्त के आगमन में हो
ओर चाहे सावन में
खिलते रहें फ़ुल
बिखरे अपनी महक
लाएँ मुस्कुराहट सबके होंठों पे
बांटे ख़ुशीयां हर पल
Paperwiff
by pragyanparimitananda
02 Feb, 2023
कविता
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