एडवांस

हास्य-व्यंग्य को प्रर्दशित करती लघुकथा।

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Pragati tripathi
Pragati tripathi 18 Aug, 2020 | 1 min read
Fashionable, imitate

इ ले पेन्सिल और लिख जैसा हम बतावत हैं, अरे पेन्सिल ऐसे पकड़। हमसे ना होई भाग ईहा से , अरे अम्मा लिख ना होई जाई चल अब लिख प , र , ब, त में छोटी इ की मात्रा और य में आकार, हां अब हुआ परबतिया। अब से तू ठेपा नहीं लगईबे अब से साइन करबे। ई सब का है हमसे नहीं होगा हम त ठेपा ही लगईबे। देख ई रमूआ की माई साइन करत है ठेपा नहीं लगावत हैं तू काहे कम रहेगी, हमका भी दिखाना है कि हमरी अम्मा भी कम नहीं है तू भी एडवांस बन एडवांस। भाग इहां से न त मरबे तोहका, चलत है हमका सीखावे.. ई बुड़ारी में एडांस ( एडवांस) बनाये।

दूसरे दिन, अम्मा तोहार जन्मदिन कब हवै? हमका नहीं पता रे। का इ रोज नया नया चोचला लेके आवत हऊ। अरे ऊ रमुआ अपनी माई के जन्मदिन मनावत है अउर उके केक वाला फोटो फेसबुक पर डालत हैं। हम काहे पीछे रही हम भी एडवांस बनेब। भाग इहां से न तो अबकी सही में पीटबों तोहके समझली की नाही, तोहरा केक खाऐके ह त जो खरीद के खा ले। तोहरा केक खाऐके खातिर हम जन्मदिन मनाई, कबहूं ना।

ऐ अम्मा सुन आज तोहके हम मेकअप करबे, इ का होत है रे? ऊ लाली - पाउडर अम्मा। भाग इहा से न त सही में पीटबे तोहका। तोहके पता है ना कि हम शुरू से लाली- पाउडर नाही लगावत है फिर तू काहे जिद करत है विमली? अरे अम्मा उ रमूआ की अम्मा लाली - पाउडर लगा के घूमत है और तोहके लाज लागत है। इ सब हमसे नाही होई।

कुछ दिन बाद, अम्मा इ चश्मा लगा लें एक ठो सेल्फी लेइ के ह। आज मदर्स डे ह। इ का होत है ये? ना मनबे तू आ बुड़ारी में हमका नमूना बनावे में काहे लगल हैं ये, हम जैसे हई वैसे ही रहन दे हमके। अरे ऊ रमुआ के... भाग इहां से जौन जौन रमूआ के अम्मा करी उ हम काहे करी रे। देख बिटिया हम सीधा सादा है, ई सब हम शुरू में न किए तो अब का करेब, हम गंवार ही सही हमका एडवांस नाही बनेके ह। तू ही बन एडांस (एडवांस), हम जइसे है वइसे ही रहीये।


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