अधूरी दास्तान

कविता

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Pragati tripathi
Pragati tripathi 25 Sep, 2020 | 1 min read
Love, care, heartless,

कुछ लम्हें कुछ यादें 

ले आती हैं चेहरे पर मुस्कराहट

कुछ दास्तान बनती है जीवन में

जो दे जाती है एक सुखद अहसास

दो दिल मिले थे कभी 

खाई थी संग जीने - मरने की कसमे

कुछ परिस्थितियों ने साथ नहीं दिया

कुछ तो कुदरत की भी थी साजिश

मिल न पाए दो दिल 

रह गई इश्क की अधूरी दास्तान

समझ कर इक - दूजे ने बात

कर लिए अपने रास्ते अलग

खुश हैं आज अपनी गृहस्थी में 

क्या हुआ गर अधूरी रही उनकी दास्तान...

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Pragati tripathi

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