बादल जोर- जोर से गरज रहे थे, नई नवेली दुल्हन गीतिका का दिल भी जोरों से धड़क रहा था। सुबह से से सजधज के तैयार बैठी थी, हाथों में मेहंदी, हरी चुड़ियाँ, पांव में पायल और महावार, सोलह श्रृंगार, ये सब उसकी सुंदरता में चार चांद लगा रहे थे। रवि शादी के एक महीने बाद ही दिल्ली चला गया था, जहां वो जाँब करता था। आज दो महीने बाद छुट्टी लेकर गीतिका को अपने साथ ले जाने के लिए आ रहा था। उसने वहां फ्लैट ले लिया था और मां - पापा के कहने पर गीतिका को लेने आ रहा था। गीतिका बार - बार खुद को आईने में निहार रही थी। तभी जोरों की बारिश शुरू हो गई। गीतिका बालकनी में दौड़कर आई। बचपन से ही उसे बरखा की बूंदों से प्यार था। जब भी बारिश होती तो चौबारे पर चढ़ जाती और खुब भीगती। मां के बार - बार मना करने पर भी नहीं मानती फिर माँ उसे काढ़ा बनाकर पीने को देती ताकि उसे सर्दी ने लग जाए। गीतिका कभी बालकनी से बाहर हाथ निकालती तो कभी अपने चेहरे पर बूंदों का स्पर्श पाकर फूल की तरह खिल उठती। तभी ननद की आवाज आई, "भाभी.. भाभी भईया आ गए। कहां है आप?"। रवि की आने की बात सुनकर गीतिका शर्म से लाल हो गई , कैसे अपने कमरे में जाएगी? कमरे का रास्ता तो लिविंग रूम से ही जाता था और रवि अभी वही बैठे होंगे। धीरे - धीरे बालकनी से निकलकर अपने कमरे की तरफ जाने लगी। तभी रवि की नजर आधी भीगी हुई गीतिका पर पड़ी, चेहरे पर पड़े बूंदों ने उसकी सुंदरता में चार चांद लगा दिए थे। गुलाबी साड़ी में लिपटी हुई गीतिका पर रवि की नजर पड़ते ही और गुलाबी हो गई और तुरंत अपने कमरे के अंदर चली गई। पहला सावन, तेज बारिश और उसमें प्रियतम का आना मानों फिजाओं में मदहोशी घुल रही थी। कुछ देर बाद रवि कमरे में आया और खिड़की से फूलों को देखती गीतिका को अपनी बाहों में भर लिया। गीतिका ने रूठने का बहाना कर , खुद को उसकी बाहों की गिरफ्त से अलग कर लिया और आंखें झुकाए कहने लगी, "आपको मेरी थोड़ी भी याद नहीं आती थी ना? "।
"तुम्हें ऐसा लगता है", रवि ने अपने हाथों में उसका चेहरा भरकर कहा।
गीतिका शर्म के मारे कुछ बोल ना पाई और उसकी आगोश में खो गई।
अब तुमसे दूर ना रहूं इसलिए तो तुम्हें लेने आया हूं। मैंने एक फ्लैट ले लिया है जहां हम अपनी गृहस्थी बसायेंगे।
"ठीक है लेकिन पर्दों का रंग, कमरे की साज - सजावट , ये सब मेरी पसंद का होगा।, "गीतिका ने हक जताते हुए कहा।
"अरे मैडम घर ही क्यों? मैं भी तो आपका ही हूं।" रवि ने गीतिका का हाथ पकड़ कर कहा।
रवि की बात सुनकर गीतिका शर्मा गई फिर दोनों भविष्य के मीठे सपने संजोने लगे और प्यार की बारिश में भींगने लगे.......
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
प्रेम बरसाती खूबसूरत रचना❤️
बहुत सुन्दर
Nice story
वाह जी! बहुत ही प्यारी लव स्टोरी है आपकी।❤
Thank you Sunita Di❤️ Madhu ❤️ Sonia ji and moumita ji❤️
Awesome love story
वाह बहुत ही रोमांटिक लव स्टोरी
Thank you babita
Very nice
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