सीमा सोकर उठी और व्हाट्सएप्प पर मैसेज देखा फिर सोचने लगी "ओह आज तो कमला नहीं आएगी, उसके बेटे को बुखार हुआ है। आज तो सारा काम खुद ही निपटाना पड़ेगा।" पति और रिया सोए थे। जल्दी-जल्दी चाय बनाई और चाय पीकर सीमा घर के कामों में लग गई।
तभी फोन की रिंग बजी "हैलो?"
"पूजा बोल रही हूं, योगा चलेगी आज?"
"ओह! क्या बताऊं यार आज भी पाॅसिबल नहीं है, देख ना मेड नहीं आई और बेटी को स्कूल भेजना है| फिर वापस लेकर आना है और अमित की आज ऑफिस में मीटिंग है, उन्हें भी जल्दी ऑफिस जाना है। मुझे तो लग रहा है कि योगा क्लास जाने का संयोग ही नहीं बन रहा, कुछ ना कुछ अड़चन आ जा रही है" - सीमा ने कहा।
"कोई बात नहीं सीमा, जो जरूरी है वही कर, क्या कर सकती है? चल कोई बात नहीं मैं जा रही हूं"- इतना कहकर पूजा ने फोन रख दिया।
सीमा जल्दी किचन में गई और नाश्ता बनाने में जुट गई, एक बार सिंक में लगे बर्तनों के ढेर देखे, फिर अनमने मन से नाश्ता बनाने लगी। आठ बजने को थे, तो रिया को नहला धुला कर स्कूल के लिए रेडी किया और अमित को जगाकर कहा - "आज तुम रिया को स्कूल छोड़ दोगे?" अमित ने प्रश्नवाचक निगाहों से सीमा को देखा| "अरे आज कमला नहीं आएगी, इसलिए बोल रही हूं।"
"अच्छा ठीक है!" अमित रिया को स्कूल छोड़कर वापस आता है, तो देखता है कि सीमा बर्तन साफ कर रही थी। "आ गए आप? अभी चाय चढ़ाती हूं, आप हाथ मुंह धो लिजिए।"
"सीमा, तुम तो कह रही थी योगा क्लास जॉइन करने की, फिर गई क्यों नहीं?"
"भूल गए? आज कमला नहीं आएगी ना!"
कुछ देर बाद सीमा चाय लेकर आई, "सोच रहा हूं आज तुम्हारी मदद कर दूं।" पतिदेव की बात सुन सीमा ने फिल्मी स्टाइल में कहा - क्या आज सूरज पश्चिम से तो उगा है? आपके चरण कमल कहां है पतिदेव?" सीमा की बात सुनकर अमित जोरों से हंसने लगा और साथ में सीमा भी हंसने लगी।
"अरे मैं सही में तुम्हारी मदद करना चाहता हूं और तुम्हें मजाक सूझ रहा है!"
"अमित, इससे पहले तो आपने ऐसी बात नहीं की ना, इसलिए मजाक में लिया।"
"दो चार दिनों से तुम्हारी कमर में दर्द हैं ना, फिर इतना काम करोगी तो दर्द उठ आएगा| इसलिए मैं सोच रहा था कि मैं बर्तन साफ कर देता हूं तुम बाकी के काम देख लो।"
"आपने मेरे लिए इतना सोचा और क्या चाहिए? एक औरत सम्मान और प्यार की भूखी होती है। मैं कर लूंगी, आप जाओ नहा लो, नहीं तो ऑफिस के लिए लेट हो जाएंगे।"
ऑफिस में बैठे हुए अमित सोच रहा था कि कितना नि:स्वार्थ प्रेम करती है सीमा| कभी कोई कंप्लेन नहीं करती और परेशानियों को भी हंसकर झेल लेती है, लेकिन कमर और घुटने के दर्द से आए दिन परेशान रहती है और घर के कामों में फंसकर योगा भी नहीं जा पा रही है| सबसे जरूरी है उसका स्वस्थ्य रहना। शाम को अमित लौटा तो सीमा ने तुरंत सवाल दागा, "आज इतने लेट क्यों हो गए? ऑफिस में बहुत काम था क्या और ये क्या है?"
घर के अंदर आकर अमित बोला, "सीमा दम तो लेने दो, बताता हूं। आज मैं ऑफिस के बाद बिजली बिल भरने चला गया था और फिर साई योगा सेंटर।"
"वहां क्यों गये थे?"
"ओह! पूरी बात तो सुन लो। मैं वहां गया था तुम्हारा एडमिशन कराने| कल से तुम योगा क्लास जा रही हो और फिर योगा के लिए जरूरी सामान लेने चला गया था| ये वही सामान है, इसमें योगा मैट है इसलिए लेट हो गया।"
"लेकिन मैं योगा क्लास कैसे जा पाऊंगी? सुबह नौ बजे ही रिया को स्कूल भेजना होता है।"
"अरे क्लास का समय सात से आठ है| तब तक तुम क्लास से वापस आ जाओगी या तुम चाहो तो छः से सात बजे वाले बैच में जा सकती हो, तुम्हारी मर्जी।
दूसरे दिन से सीमा योगा क्लास जाने लगी, धीरे-धीरे उसके कमर और घुटनों का दर्द ठीक होने लगा और वह पहले से ज्यादा एक्टिव हो गई। उसने अमित को गले लगाकर कहा - "थैंक्यू मेरा ध्यान रखने के लिए।"
"इसमें थैंक्यू की क्या बात है, तुम जितना मेरे लिए करती हो, उसके लिए मैं थैंक्यू बोलने लगूं तो मेरा दम निकल जाएगा| ये तो मेरा फर्ज है कि मैं तुम्हारा ख्याल रखूं| अगर तुम स्वस्थ्य रहोगी तब ही तो सबकुछ है| बस हमारा साथ बना रहे और क्या चाहिए?" सीमा अमित की बातें सुन भावुक हो गई।
दोस्तों, औरतें घर के काम से इतनी थक जाती हैं कि खुद के लिए कुछ करने में उसे आलस आता है और ये सभी घरेलू महिलाओं की कहानी है| उन्हें भी अमित जैसा पति चाहिए जो पत्नी का ध्यान रखे और उसके कामों से परे उसके सेहत का भी ख्याल रखे।
दोस्तों, उम्मीद है आपको मेरी यह कहानी पसंद आई होगी| मुझे लाइक और कमेंट कर अपने विचार जरूर बताएं और मेरी आगे की कहानियों को पढ़ने के लिए मुझे फाॅलो जरूर करें।
आपकी दोस्त प्रगति त्रिपाठी
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.