बच्चों का संसार

कविता

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Pragati tripathi
Pragati tripathi 11 May, 2020 | 1 min read

तुम आदि हो तुम अंत हो, तुम सृष्टि का आधार हो

तुम प्रेम हो तुम प्राण हो, तुम शक्ति का संचार हो

तुम करूणा हो तुम त्याग हो, तुम ममता का संसार हो

तुम भूख हो तुम प्यास हो, हर बच्चे का अरमान हो

तुम सत्य हो तुम ब्रह्म हो, तुम ईश्वर का वरदान हो

तुम छांव हो तुम वायु हो, तुम शीतल जल की धार हो

तुमसे शुरू तुमपे खत्म, तुम जीवन की हर आस हो

मां.. मां तुम ही तुम हर बच्चे का संसार हो।

#mothersday

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