सपनों की दुनिया में खोई मंदाकिनी रवि के कहने पर दुल्हन के लिबास में नियत समय पर जंगल के उस खंडहर में पहुंच गई। वहां पहुंचकर देखा तो रवि नहीं था वो जोर से चिल्लाई, रवि..। लेकिन रवि की जगह वहां दो अजनबी आ पहुंचे। उन्होंने कहा, "चलो हमारे साथ.. रवि ने तुम्हारा सौदा किया है, शेख तुम्हे देखकर बहुत खुश होगा। रवि की असलियत जानकर मंदाकिनी को अपनी बेवकूफी पर बहुत पछतावा हुआ। तभी रवि को गिरफ्त में लिए पुलिस वहां पहुंची, पुलिस को बहुत दिनों से इस गिरोह की तलाश थी जो लड़कियों की तस्करी कर रहे थे।
रवि को देखकर मंदाकिनी का गुस्से से बुरा हाल था, उसने आगे बढ़कर दो चांटा रसीद कर दिया और अपने आपको कोसने लगी। रवि माफी मांगते हुए बोला, " मैंने कभी तुमसे प्यार नहीं किया, मैं तो बस अपने गिरोह के लिए काम कर रहा था, हो सके तो मुझे माफ़ कर देना। मुझे अपने पापों की सजा मिल गई है।, नज़रें झुकाए रवि ने बोला।
नादानी
यह कहानी प्यार में मिले धोखे की है।
Originally published in hi
Pragati tripathi
20 Jan, 2020 | 0 mins read
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