सुबह से ही घर के कामों में लगी रचना का मन आज फूट - फूटकर रोने का कर रहा था। अकेली जान पर सारे घर की जिम्मेदारी, सास - ससुर की देखभाल ऊपर से दो बच्चों और पति की जिम्मेदारी अलग। रावी जो की पांच साल की थी और माही जो की डेढ़ साल की थी। रचना के कामों का अंत ही नहीं होता था। सुबह से रात तक लगी रहती थी। घर - परिवार में सभी उसको प्यार करते थे लेकिन आखिर वो भी तो इंसान ही थी कभी - कभी फूट पड़ती। आये दिन कमर दर्द और थायराइड से परेशान रहती ।
"रात का खाना बनाकर सबको खिला दिया और राज का इंतजार करने लगी। तभी उसकी नजर पुराने फोटो फ्रेम पर पड़ी और वो अतीत में खो गई, ये फोटो उस समय की थी जब शादी के बाद दोनों कपल हनीमून पर गये थे तब पहली बार रचना घोड़े पर बैठी थी और डर रही थी। उसके डर को भगाने के लिए राज... उसका हाथ थाम कर साथ चलने लगा था, तब घोड़े के मालिक ने उनकी ये प्यारी सी तस्वीर ली थी।", इतना सोचते ही थकावट से भरे चेहरे पर मुस्कान बिखर गई।
तभी दो मजबूत हाथों ने उसे अपने बांहों में भर लिया। न जाने राज कब वहां आ गया था और उसे मुस्कुराते देख रहा था। राज ने लंबी सांस लेते हुए कहा, "वो दिन कितने प्यारे थे।" रचना ने हामी भरी और लंबी सांस लेते हुए कहा, "आप हाथ मुंह धो लिजिए, मैं खाना निकालती हूं।" राज फ्रेश होकर डायनिंग टेबल पर आ गया और दोनों ने पुराने दिनों को याद करते हुए खाना खत्म किया। रचना सोने की तैयारी करने लगी। आज वो कुछ ज्यादा ही थकी थी। राज, रचना की परेशानी समझता था और आज उसके चेहरे पर थकान देख, रसोई में गया और रचना की फेवरेट काॅफी बनाया, क्योंकि रचना को चाय से अधिक काॅफी पसंद थी लेकिन घर में सब चाय प्रेमी थे, सबके लिए चाय बनाती तो खुद के लिए भी चाय ही बना लेती थी।
राज काॅफी के साथ कमरे में पहुंचा तो रचना इस सरप्राइज को देख बहुत खुश हो गई। काॅफी पीते - पीते राज ने मनाली ट्रिप की टिकट रचना के हाथ में थमाते हुए कहा, "बैग पैक कर लो, संडे को मनाली जा रहे हैं"। इतना सुनते रचना खुशी से फूले न समाई और राज को गले लगाते हुए बोली, "ये तुमने कब प्लान किया?" राज ने कहा, "मुझे तुम्हारी फ्रिक रहती है, इतनी परेशानी झेलने के बाद भी तुम कभी शिकायत नहीं करती हो, तो मेरा भी फर्ज बनता है कि तुम्हें भी अच्छा फील कराऊं और अभी तुम्हें रेस्ट की बहुत जरूरत है इसलिए कुछ दिनों के लिए हम घूमेंगे - फिरेंगे और आराम करेंगे।"
रचना की आंखों में खुशी के आंसू आ गए।
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