कठपुतली

ये रचना समसामयिक घटनाचक्र पर आधारित है।

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Pragati tripathi
Pragati tripathi 25 Dec, 2019 | 1 min read

नेता जी बैठे थे, जाम का दौर चल रहा था। तभी उनका दाहिना हाथ कहा जाने वाला मनोहर आया और उनके पास जाकर बोला, "बाबा काम हो गया, अब देखिए ऑपोजिशन पार्टी की नींद कैसे हराम होती है। कहिए तो नमूना दिखाऊं!"
इतना सुनते ही नेता जी के चेहरे पर कुटिल मुस्कान बिखर गई और नेता जी ने कहा, "नेकी और पूछ-पूछ, जल्दी दिखाओ।"
मनोहर ने न्यूज चैनल लगा दिया जहां न्यूज रीडर ताजा समाचार सुना रहे थे, "शहर के अलग-अलग हिस्सों से तोड़ - फोड़ और आगजनी की खबरें आ रही है। अभी -अभी जावेरी बाजार में कुछ असमाजिक तत्व तोड़फोड़ और आगजनी कर रहे है और उनके साथ काफी तादात में लोग हैं। हमारी टीम ने जब उनसे पूछा कि किस कारण से आपलोग ये तोड़ - फोड़ कर रहे हैं?...तो उनके पास कोई उचित कारण नहीं था। वो सिर्फ इतना कह रहे हैं कि उनके साथ गलत हो रहा है, उनसे उनका हक छीना जा रहा है इसलिए वो लोग ऐसा कर रहे हैं।
न्यूज देख नेता जी अपनी विजय पर इतरा रहे थे और उधर कठपुतलियां अनजाने में अपना और सरकार का नुकसान कर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे थी।

प्रगति त्रिपाठी


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