ऑनलाइन फ्राँड

ऑनलाइन फ्राँड

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Pragati tripathi
Pragati tripathi 17 May, 2020 | 1 min read

"सुबह-सुबह ही मोबाइल पर मैसेज आया कि बधाई हो! आप पचास हजार जीत गए हैं। अपने ईनाम की राशि लेने के लिए इस नंबर पर काॅल करें और कुछ जरूरी डिलेट जैसे - आपका नाम, अपने खाते का नंबर, और एड्रेस, इस मेल आईडी पर भेज दिजिए।," मैसेज पढ़कर गरिमा बहुत खुश हुई और मम्मी को बताया कि मैं पचास हजार रुपए जीत गई हूं।
"अरे वाह! कब मिलेगा?," रमा जी उतावली होते हुए बोली।
कुछ डिटेल मांगे हैं उन लोगों ने वो भेजना पड़ेगा फिर मिलेगा।, गरिमा बोली।
"हां तो भेज दें ना!, सोच क्या रही है?", रमा जी बोली।
"अरे मां, मैं ये सोच रही हूं कि मैंने तो कोई काॅटेस्ट भी नहीं खेला फिर इतने सारे पैसे मुझे कोई कंपनी क्यों देगी?", गरिमा ने सोचते हुए कहा।
गरिमा ने धैर्य के साथ सारी बातें पापा को बताई तो पापा ने कहा, बेटा! ये देख आज के न्यूज पेपर में ऐसा ही न्यूज आया है। ये सब फ्राँड कंपनीयां ऐसे ही मैसेज भेजकर कस्टमर से उनके बैंक के सारे डिटेल लेकर उनको लूट लेते हैं। इस तरह का कोई भी मैसेज आए तो रिप्लाई मत करना।"
"अच्छा हुआ, जो मैंने उस नंबर पर कोई डिटेल नहीं भेजे", चैन की सांस लेते हुए गरिमा ने कहा।


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