नारी के त्याग और बलिदान की कोई परिभाषा नहीं है,
उसके कष्ट और साहस का किसी को अंदाज़ा तक नहीं है।
एक नारी ही है,जो पराई होकर भी ससुराल को स्वर्ग बना देती है,
एक नारी ही है,जो अपनी मौत के लड़कर एक बच्चे को जन्म देती है।
एक नारी ही है,कितनी भूख होने पर भी पहले सबके पेट भरती है,
एक नारी ही है,जो अशिक्षित होकर भी अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देती है।
किस समानता के अधिकार की बात करते हो तुम,
वो नारी,जिसके बिना तो कोई संसार ही नहीं है
नारी की ताकत को क्या समझोगे तुम लोग,
नारी आज हर छेत्र में विजय पा रही है और अपनी ताकत का झंडा फेरा रही है।
@poonamchoureyupadhyay
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Very nice and creative
Thanks pramod ji
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