"वक़्त का पहिया एक जैसा नहीं होता"

वक़्त वक़्त की बात है।

Originally published in hi
Reactions 1
599
Poonam chourey upadhyay
Poonam chourey upadhyay 17 Oct, 2020 | 1 min read
Marriage Husband Relationship Wife

याद हैं ना,मैं अक्सर तुमसे तुम्हारा वक़्त मांगा करती थी,और हर बार की तरह तुम मेरी बातों को हवा में उड़ा दिया करते थे।

याद हैं ना, उस वक़्त मैं तुम्हारे सामने कितना रोती थी, बिलखती थी,गिड़गिड़ाती थी और प्यार की भीख तक तुमसे मांगा करती थी,पर तुम मेरी बातों को अनसुना सा कर दिया करते थे।

जब कोई नहीं था मेरे ग़म बांटने वाला, बहुत दुखी सी हो जाया करती थी,तब मैं और मेरी तन्हाई पूरी रात एक दूसरे से बातें किया करते थे।

कई रातें तो ऐसी भी हुआ करती थी,

जब मैं अपने तकिए को कंधा बनाकर उस पर अपने आँसुयो की बारिश तक कर दिया करती थी।पर तुम्हें तो ये सब पता भी नहीं होगा,और होगा भी क्यों,क्योंकि अगले ही दिन मैं हर रोज़ की तरह ,फिर से सबसे साथ मुस्कुरा दिया करती थी।

याद है ना,तुमने ही एक दिन मुझसे कहा था,कि तुम कुछ नहीं कर सकती,तुम कभी आगे नहीं बढ़ सकती।

उस दिन मेरे मन की भावनाओं को एक धक्का से लगा था,मैं उस दिन टूट सी गयी थी और अपने पिता की एक ही बात को याद करके रो रही थी,कि बेटी तुम कभी ज़िंदगी में किसी के सामने झुकना नहीं और झुकना वहीं जहाँ तुम गलत हो।

बस उसी दिन से मैंने भी ठान लिया था,मैं वो भी कर सकती हूँ जो तुमने तो सोचा भी नहीं होगा,किसी नारी की शक्ति को ललकारने की कीमत शायद तुम्हें पता नहीं है।

रात दिन तुम्हारे हर काम के लिए तुम्हारे आगे पीछे घूमने वाली एक औरत की अगर यही इज़्ज़त है तो तुम भी आज कान खोलकर सुन लो,

मैं अब अपने सपनों को उड़ान दूंगी।

 मैं अब अपने ख़्याबो को नई जान दूंगी,

और मैं अब खुदको एक अलग पहचान दूंगी।

पर एक बात तुम भी ज़रूर याद रखना,

वक़्त का पहिया एक जैसा नहीं होता,

और

वक़्त किसी का मोहताज नहीं होता,

एक दिन तो ये भी सबका बदलता है,

उस दिन वक़्त तुम्हारा था,पर कल मेरा भी होगा।


मुझे यकीन है तुम एक दिन मुझसे मेरा वक़्त ज़रूर मांगोगे,

क्योंकि मैं उस वक़्त क़ामयाबी के शिखर पर होऊंगी।

हो सकता है उस दिन मैं भी तुमको वक़्त ना दूँ,वो इसलिए नहीं कि तुमने मुझे अपना वक़्त नहीं दिया था,और इसलिए भी नहीं कि मैं कामयाब हो गयी हूं।बस इसलिए कि उस दिन तक मैंने तुम्हारे बिना अकेले जीना सीख लिया होगा।तुम्हारे बिना अकेले जीना सीख लिया होगा


@पूनम चौरे उपाध्याय

मौलिक,स्वरचित, अप्रकाशित

1 likes

Published By

Poonam chourey upadhyay

poonamchoureyupadhyay

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    उम्दा सृजन👌👌

  • Poonam chourey upadhyay · 4 years ago last edited 4 years ago

    बहुत बहुत धन्यवाद संदीप🙏

  • Avanti Srivastav · 4 years ago last edited 4 years ago

    बढ़िया लिखा

  • Poonam chourey upadhyay · 4 years ago last edited 4 years ago

    बहुत आभार आपका अवंति जी

Please Login or Create a free account to comment.