नीलू और निलेश की शादी को करीब 6 साल हो गए थे।पर माँ बनने का सुख नीलू को नहीं मिल रहा था।
ना जाने कितने ही ताने सुन-सुन कर नीलू थक चुकी थी और नीलू ने तो ना जाने बच्चे के लिए कितनी ही माने भी मांग ली थी।
ऐसे ही दोनों की ज़िंदगी चल रही थी,पर बच्चे का सुख ना था।
एक दिन पड़ोस वाली कमलाजी ने नीलू को एक अच्छा डॉक्टर बताया।उस डॉक्टर से नीलू का इलाज भी शुरू हो गया।
करीब 2 से 3 महीने इलाज होने के बाद एक दिन नीलू को बेचैनी सी हो रही थी,काम करने में नीलू कुछ ज्यादा ही थक रही थी।डॉक्टर के पास जाकर पता चला कि नीलू एक बच्चे को जन्म देने वाली है।
उस दिन तो मानो नीलू और नीलेश की खुशी का ठिकाना ही नहीं था।उनके जीवन में तो इससे अच्छा उपहार कुछ हो भी नहीं सकता था।
नीलू ने ये खुशी अपनी माँ और सास से बांटी।उन्होंने बोला बेटा बहुत समय बाद खुशी मिली है किसी से इस बारे में कोई बात मत करना।
सासू माँ का कहना था कि नज़र लग जायेगी,इतने समय बाद बच्चा हो रहा है तो।पर नीलू को ये सब बातें दकियानूसी लगती थी।और लगे भी क्यों ना नीलू इस जमाने की पढ़ी लिखी लड़की थी,वो ये सब बातों पर यकीन नहीं करती थी।
नीलू जिससे भी मिलती सबको ये खुशखबरी देती,इतने सालों बाद उसे खुशी जो मिलने वाली थी।
ऐसे हो नीलेश और उसके सात महीने आराम से यूँही निकल गए,नीलेश नीलू का बहुत ध्यान भी रखता था।
जैसे ही नीलू को आठवाँ महीना लगा,उसको बहुत कंपकपी के साथ बुखार आना शुरू हो गया।जैसे ही डॉक्टर के यहाँ पहुँचे तो पता चला नीलू को मलेरिया हो गया।
नीलू को हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ा,पेट मे बच्चा और नीलू को बहुत तेज़ बुखार,सभी लोग बहुत परेशान हो गए क्योंकि काफी समय बाद तो उसको मॉ बनने का सुख जो मिला था।
दिन में 4 बार डॉक्टर आती थी,बच्चे की हार्टबीट चेक होती थी।दिनोंदिन परेशानी इतनी बढ़ गयी कि नीलू की हालत खराब होने लगी।उसका मलेरिया बिगड़ रहा था।
वो मन ही मन सोचने लगी कि मैं ज़िंदा रही तो शायद बच्चा नहीं और बच्चा रहा तो मैं नहीं क्योंकि स्थिति तो डॉक्टर के भी कंट्रोल में नहीं थी।पर उस वक़्त नीलू ने एक योद्धा बनकर ये जंग लड़ी और उसने एक प्यारी सी गुड़िया को जन्म दिया।
उस गुड़िया के आते ही मानो नीलू और नीलेश की ज़िंदगी में बदलाव सा आ गया।
दोस्तों, कभी भी किसी परिस्थितियों में हमें घबराना नहीं चाहिए बल्कि उसका डटकर सामना करना चाहिए।हा था।
धन्यवाद,
@पूनम चौरे उपाध्याय
मौलिक,स्वरचित,अप्रकाशित
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