बढ़ते कदम
मेरे बढ़ते कदम चलते चलते कभी रुक भी जाते थे, क्योंकि बढ़ते कदमों को था,असफल होने का डर, सफल नहीं हुई तो चार लोग क्या कहेंगे बात का डर, पर मैं उन कदमों को समझाती थी, कि रास्ते में आने वाली कठिनाइयों से कभी ना डर, बस अपनी मेहनत कर,और असफलताओं का डटकर तू सामना कर।

Paperwiff

by poonamchoureyupadhyay

08 Dec, 2020

डर

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