तय
एक औरत कभी बेटी बनकर तो कभी बहु बनकर,कभी पत्नी बनकर,तो कभी माँ बनकर सारे फ़र्ज़ निभाती है,पर पूरी ज़िंदगी उसका स्वयं का अस्तित्व क्या है ये तय नहीं कर पाती।

Paperwiff

by poonamchoureyupadhyay

22 Dec, 2020

अस्तित्व

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