"साँवला चेहरा अपने पिता सा"
मेरे मुस्कुराते चेहरे के पीछे, ग़मो का साया हैं,
मेरे पिता का चेहरा, मेरी रूह में समाया है।
मुझे पिता में दिखता है ,अब खुद का चेहरा,
पिता के जाने के बाद से, तन्हाई का दुख गहरा।
मैं पूछती थी उनसे,आपने इतना नाम कहाँ से कमाया है,
वो बोलते थे बिटिया, ये दौलत और शौहरत सब मोह माया है।
किसी ने एक दिन आखिर पूछ ही लिया मुझसे,
इतना साँवला चेहरा बेटी, तुम्हारा कहाँ से आया है,
मैंने भी बड़े गर्व से कह दिया,ये चेहरा तो मैंने अपने पिता से पाया है।पिता से पाया है।।।।
Paperwiff
by poonam