परम एक बहुत ही समझदारऔर होशियार लड़का था पर उसमें एक आदत बहुत बुरी थी कि वह जरा-जरा सी बात पर गुस्सा हो जाता है।उसकी माँ ने उसकी इस आदत से परेसान हो कर इस आदत को छूटने की ठान ली।।रात होते ही परम अपनी माँ से माँ आज आओ मुझे कोंन सी कहानी सुनाओगी।परम की माँ ने कहा आज में तुमझे एक राजकुमारी की कहानी सुनाओगी।
एक बहुत ही सुंदर सी राजकुमारी थी। उसको गुस्सा बहुत ज्यादा आता था। उसके गुस्से से घर के सारे लोग बहुत ही परेशान रहा करते थे।लेकिन उसका गुस्सा कभी कम नहीं होता था। एक दिन जब घर के सारे लोग उससे परेशान हो गए तो सब ने मिलकर उसके पिता को यह बात बताई। उसके पिताजी ने जब यह बात सुनी तो उनको भी बहुत ही ज्यादा दुख हुआ। उन्होंने ठान लिया कि अब इस का गुस्सा कम करने के लिए कोई ना कोई रास्ता निकालना पड़ेगा।एक दिन उसने अपनी अपनी बेटी को बुलाया और बोला मैं आपके साथ एक गेम खेलना चाहता हूं।लड़की बहुत ही ज्यादा खुश हो गई थी।पिता जी ने बोला तुमको जब भी किसी पर गुस्सा आए तो तुम दीवार पर एक कील ठोक देना और जिस दिन गुस्सा ना आए तो दीवार की खीर निकाल देना। लड़की ने बोला ठीक है पिताजी लेकिन आप गेम जीतने के बाद बहुत ही अच्छा सा गिफ्ट देना होगा लड़की के पिताजी ने बोले ठीक है। राजकुमारी मैं तुमको बहुत ही अच्छा गिफ्ट दूंगा।राजकुमारी बोली पिता जी मुझे अब समझ में आ गई है कि मैं अब किसी पर गुस्सा नहीं करूंगी यही मेरा सबसे अच्छा गिफ्ट है पिताजी बोले की राजकुमारी तू कितनी समझदार हो गई है पिता जी ने कहा की राजकुमारी मैं आज बहुत खुश हूं। तुम्हारी इस समझदारी पर आज नया सा दिन लग रहा है। सारे घर के लोग बहुत परेशान थे अब सभी बहुत खुश है बताओ तुम्हे क्या गिफ्ट चाहिए।राजकुमारी बोली कि मुझे अब कोई गिफ्ट नहीं चाहिए अपने मुझे मेरी बेवजह गुस्सा करने की आदत को ठीक कर दिया है यही मेरा गिफ्ट है। मैं अब बहुत खुश हूं। कहानी खत्म होने के बाद परम् सो गया था।अगकी सुबह परम बिकुल बदल गया था।
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Nice
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