"कैसी हो दीपा, काफी दिनों बाद दिख रही हो पार्क में? छुट्टियों में कहाँ गई थी घूमने?" - दीपा को काफी दिनों बाद पार्क में देख टीना ने, उससे पूछा।
"हाँ यार, इस छुट्टियों में हम लोग नैनीताल का प्लान बना लिए। वहाँ से मेरा ससुराल भी नजदीक है। - दीपा पार्क के बेंच पर टीना के पास बैठते हुए बोली।
दीपा और टीना दोनों के बच्चे लगभग पांच साल के थे। दोनों एक ही क्लास और स्कूल में भी पढ़ते थे। एक ही सोसाइटी में घर होने की वजह से दोनों की माँ में भी दोस्ती हो गई थी। शाम के समय अक्सर दोनों पार्क में अपने अपने बच्चों के साथ घूमने आ जाती और अपनी दुःख सुख की बात साझा करती थी।
छुट्टियों में दीपा और टीना दोनों अपने-अपने बच्चों के साथ मायके-ससुराल चली गयी थी। लेकिन दीपा काफी दिनों बाद आई तो टीना ने उससे पूछा।
"आ तुझे नैनीताल की फोटो दिखाती हूँ ।" - कह कर दीपा टीना को अपने मोबाइल से लिए फोटो दिखाने लगी। थोड़ी देर में कुछ और लेडीज आ गई और दीपा उनके साथ बात करने में मशगूल हो गई। टीना दीपा से मोबाईल लेकर फोटो देखने लगी। फोटो स्क्रोल करते करते टीना की नजर एक फोटो पर गई जो देखने में बड़ा अजीब लगा| वो दीपा से पूछने को सोची पर और लेडीज को साथ में देख कर चुप हो गई।
तभी थोड़ी देर में दीपा और टीना के बच्चे आपस में लड़ते हुए आए। दोनों अपने अपने बच्चे को शांत करने लगी। पर भई बच्चे तो बच्चे दोनों ही गुस्से से एक दूसरे से कट्टी हुए जा रहे थे। दोनों एक दूसरे से कभी नही बात करने की बाते कर रहे थे। टीना परेशान थी, अपने बेटे को चुप कराने में क्योंकि वो लगातार रोये भी जा रहा था। तभी थोड़ी देर में दीपा का बेटा उसके पास आकर उसे सॉरी बोला और गले मिल कर फिर से दोस्ती करने लगा।
टीना आश्चर्य से कभी दीपा के बेटे को देख रही थी तो कभी दीपा को। दोनों बच्चे फिर से दोस्त बनकर पार्क में खेलने चले गए और दीपा और टीना वापस बेंच पर जा बैठी। टीना ने दीपा से पुछा- "तूने ऐसा क्या किया, जो तेरा बेटा इतने जल्दी शांत हो गया और दोस्ती भी कर ली। मुझे तो संभालना मुश्किल हुए जा रहा था।"
"मेरे पास उसका एक सीक्रेट है।"- दीपा मुस्कुराते हुए बोली।
"क्या?" - टीना ने आश्चर्य से कहा।
दीपा मुस्कुराते हुए टीना को अपने मोबाइल में एक फोटो दिखाने लगी। टीना फोटो देख उछल पड़ी और पूछा - "ये कैसी फोटो है, मैं उस समय भी देखी लेकिन सभी के सामने पूछी नहीं। बड़ी अजीब सी है ये फोटो, किसकी है और किसने ली?"
"हम्म डियर, ये मेरे बेटे की फोटो ही है। जब सोया था तब मैं उसके प्राइवेट पार्ट की ये फोट ली। अभी जब भी वो ज्यादा शैतानी करता है। मैं उससे बोलती हूँ कि ये फोटो मैं सबको दिखा दूँगी और वो डर जाता है। ऐसी फोटो बच्चों की रखनी चाहिए।" - मुस्कुराते हुए दीपा उस फोटो का राज खोल रही थी।
ये सुन टीना बोली- "छी, ऐसे कोई बच्चों को ब्लैकमेल करता है! ये तो गलत है। तुझे आज लग रहा है कि ये युक्ति आसान है बच्चे को सँभालने की।लेकिन तू उसे खेल-खेल में ब्लैकमेल करना सिखा रही है। तू उस फोटो को अभी डिलीट कर। वो बच्चा है, ऐसी चीजें उसके दिलो दिमाग पर गहरा असर छोड़ेंगी। गलत तरीका उनके व्यवहार को कुंठित कर सकता है और उन्हें अपराध के तरफ भी मोड़ सकता है।"
दीपा चुप सी बैठी टीना की बात सुन रही थी। वो बोली- "हाँ यार, ये तो मैं सोची ही नहीं। तेरी बात भी सही है, लेकिन क्या करूँ कभी कभी मेरी बात सुनता ही नही। ऐसे में ये सब ट्रिक काफी कम आते हैं।" - अपनी मजबूरी जाहिर करते हुए दीपा ने कहा।
"देख दीपा, गलत ट्रिक बच्चों को गलत राह पर ही ले जाते हैं। अभी तो उन्हें पंख मिले हैं, उड़ने दो उन्हें खुले आसमानों में। तू उसे समझा कर या छोटे मोटे गिफ्ट देकर भी उसे संभल सकती है। अगर ज्यादा परेशान करे तो छोटी मोटी पनिशमेंट भी दे सकती है। पर ये सब नहीं करो वरना ये सब उसे गलत राह पर ले जा सकता है।"- दीपा को समझाते हुए टीना बोली ।
सॉरी यार, एंड थैंक यू तुने सही समय पर मुझे संभाल लिया वरना सच मैं ही अपने बच्चे को गलत रास्ते पर ले जा रही थी।- कहते हुए दीपा अपने मोबाइल से उस फोटो को डिलीट कर दी।
तभी दोनों के बच्चे दौड़ते दौड़ते आ कर उनसे लिपट गये और वे दोनों भी एक दूसरे को बाय करके अपने अपने घर की राह ली।
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