सुवर्णा के देवर की शादी तय हो गई थी। घर में शादी की तैयारियां शुरू हो गई। सुवर्णा बढ़-चढ़ कर सासु माँ के बताये अनुसार सभी कामो को निपटा रही थी। शादी में भी बस अब दस दिन ही बचे थे। ननद माधवी भी आ गई थी। माधवी शादी की शॉपिंग और बाकि काम में सुवर्णा बराबर मदद कर रही थी।
माधवी यु तो अच्छी ननद थी। लेकिन कभी कभी मजाक में सुवर्णा को काफी कड़वी बाते भी बोल देती थी। लेकिन सुवर्णा घर में शांति बनी रहे इसलिए चुपचाप सह जाती थी।
शादी की शॉपिंग में सबने एक से बढ़कर एक कपड़े ख़रीदे । जड़ी के काम वाले , बुटो के कामवाले । सुवर्णा की शादी को अभी ज्यादा टाइम नही हुआ था सो उसके पास अभी ऐसे कपड़ो की काफी भरमार थी। और साथ ही ऐसे कई कपड़े अभी उसने नए भी रखे थे। इसलिए वो आरामदायक और ऐसे कपडे लेने में ज्यादा दिलचस्पी ले रही थी जो थोड़ा महंगे भी नही थे।
ये सब देख माधवी बोली - "क्या भाभी, ये आपका मायका नही ससुराल है। यहाँ इतना हिसाब से मत चलिए। भाइया और पापा की अच्छी भी कमाई है। मुझे ही देखिये! मैने इस शादी के लिए इनसे ये नया ज्यूलरी सेट बनवाया और कपड़े भी मैचिंग ही लिए है।
सुवर्णा चूंकि मध्यमवर्गीय परिवार की बेटी थी । जहाँ पैसो का बचत का करना जरूरी समझा जाता है । इसलिए उसे फालतू खर्च करने की आदत नही थी। जिसके लिए गाहे-बगाहे माधवी उसे मायके वालों के बचत का ताना देते रहती थी।
देवर की शादी का दिन भी आ गया।सुवर्णा अपने कामो में व्यस्त थी। तभी खूबसूरत से लहंगे में सजी माधवी उसके कमरे में आई।
"भाभी एक प्रॉब्लम हो गई। "-परेशान सी माधवी बोली
"क्या?"- सुवर्णा थोड़ा चौकते हुए बोली।
"भाभी शादी की तैयारियों में मुझे डेट का याद ही न था।आज मै पीरियड हो गई।"- रुआँसी सी माधवी बोली ।
"इसमें उदास होने की कोई बात नही है ,आप पैड ले लीजिए।"- सुवर्णा माधवी को समझाते हुए बोली।
"नही भाभी मुझे जल्दी कपड़ा हो तो दीजिये।"- माधवी थोड़ी जल्दीबाजी में बोली।
"कपड़ा?" - सुवर्णा चौकते हुए बोली ।
"हा ,मैं पहले दो दिन कपड़ा ही यूज़ करती हूँ।क्यूंकि काफी ज्यादा ब्लड गिरता है।"- माधवी थोड़ा परेशान होते हुए बोली।
"लेकिन उससे तो वर्जाइना में इंफेक्सन हो सकता है। और अब तो मार्केट में काफी ऐसे पैड भी मिल जाते है । सेहत के साथ ऐसे खिलवाड़ नहीं कीजिये । "- सुवर्णा समझाते हुए बोली।
"हाँ मुझे पता है। लेकिन वे काफी कॉस्टली होते है।सो मैं दो दिन कपडे से ही काम चला लेती हूँ।"-माधवी थोड़ा झिझकते हुए बोली।
सुवर्णा अपनी ननद की इस सोच पर काफी हैरान हुई । क्योंकि जो ननद उसे बचत करने के लिए चार बातें सुनाती रहती है ।वो सेहत के साथ ऐसा मजाक कर रही थी।
सुवर्णा बिना कुछ बोले अपने कबर्ड से दो -तीन पैकेट निकालकर माधवी को देते हुए बोली - "दीदी,बचत करना कोई बुरी बात नही है ।लेकिन हमें सेहत को दांव पर लगा कर बचत करने से बचना चाहिए। आप इस ब्रांड का पैड ख़रीद लीजियेगा। इसमें ऑब्जर्ब पावर ज्यादा है और आरामदायक भी रहेगा। लेकिन गंदे कपड़े का उपयोग करके अपनी सेहत को मत खराब कीजिये। "
सुवर्णा की बातें सुन माधवी को अपनी गलती का एहसास हो गया। और वो भाभी से अपनी गलती के लिए माफी मांगी।
आपको मेरा ये ब्लॉग कैसा लगा अपने विचार और सुझाव साझा करें ।और मेरे दूसरे ब्लॉग को पढ़ने के लिए मुझे फॉलो करते रहे।
आपकी प्यारी दोस्त
पम्मी राजन
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.