प्रेम

तुम ही तुम

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Pallavi verma
Pallavi verma 29 May, 2020 | 1 min read


#प्रेम


मेरी राहें, मेरी मंज़िल और मेरा, सराय भी तुम। 

सच कहती हूँ तुमसे प्रियवर ! मेरा तो संसार भी तुम ।

मेरे मंदिर के ईश्वर हो, मेरे तन के प्राण हो तुम ।

सच कहती हूं तुमसे, प्रियवर ! मेरा तो आधार भी तुम। 

सिंदूरी शामों की लाली , सुबह का उगते सूरज तुम ।

सच कहती हूं तुमसे प्रियवर ! मेरे तो आकाश भी तुम

मेरे प्रेम की परिभाषा हो,

जीने की अभिलाषा तुम

सच कहती हूँ तुमसे प्रियवर ! मेरी तो हर साँस मे तुम।।


पल्लवी वर्मा 

स्वरचित

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Pallavi verma

pallavi839570

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