सपना की डिलीवरी हुए एक हफ्ता ही बीता था। और वह बहुत दबाव में थी ।उसे चिंता हो रही थी कि क्या वह सारे जिम्मेदारियां बखूबी निभा रही है? उसके बच्चे का विकास सही हो रहा है? क्या वह उसे अच्छे से पाल पाएगी?
कई बार निकेतन ने पूछा! क्या चिंता है? पर सपना टालती जा रही थी। निकेतन को समझ नहीं आ रहा था कि, सपना इतनी परेशान क्यों रहती है? वह बच्चे के प्रति और सपना की प्रति अपने सारे कर्तव्यों को बखूबी निभा रहा था।
एक महीना बीत चुका था सासू मां भी वापस चली गई ।अब निकेतन किचन में भी काफी मदद करने लगा था। साथ ही बच्चे की नैपी बदलना, कपड़े डेटोल से धोना, घर जमाने में भी मदद करता था।
सपना दौड़ दौड़ के जितना काम निपटा सकती थी, बच्चे के सोते तक निपटा देती थी,मगर उसके जागते ही उसे फीडिंग करानी होती थी ।निकेतन काम करते थे तो वह अपराध बोध से भर जाती थी वह निकेतन से कहती ऑफिस से थक कर आते हो और घर मैं भी काम ही काम करते हो मैं सब कुछ संभाल क्यों नहीं पा रही ना मैं अच्छी मां हूं! और ना ही अच्छी पत्नी ! यह कहकर सपना फूट फूट कर रोने लगी।
निकेतन समझ गया यही बात थी जो इसे अंदर अंदर खा रही है ।उसने सपना का हाथ अपने हाथ में लेकर कहा!"मुझे पता है! समाज के ठेकेदारों ने तय कर रखा है कि,औरत बच्चा भी पैदा करेगी और पालेगी भी ।मगर मैं यह सब बात नहीं मानता और तुम भी इन पुरानी दकियानूसी बातों को भूल जाओ। अगर डिलीवरी तुम्हारी हुई है और तुम मां बनी हो तो मैं भी, पिता बना हूं ।यह हम दोनों का बच्चा है तो जिम्मेदारी भी हम दोनों की हुई ना ।
तुम इन सब बातों को भूल कर अपनी ममता में खो जाओ ।यह सुनहरे पल वापस नहीं आएंगे। सपना सोच रही थी कि, केवल आधुनिक कपड़े पहनने से, कोई आधुनिक नहीं बन जाता उसकी सोच ही उसे आधुनिक बनाती है ।
मैं कितनी भाग्यशाली हूं कि, मुझे ऐसा समझदार जीवनसाथी मिला ।
दोस्तों यह बिल्कुल सही बात है कि 9 महीने की तकलीफ ,प्रसव का दर्द, ना चाह कर भी औरत को अकेले ही सहना होता है। इसमें उसे कोई सहायता नहीं कर सकता। लेकिन बच्चे की पैदा होने के बाद उससे पालने में पिता को भी सहयोग देना चाहिए क्योंकि डिलीवरी के बाद अगर एक औरत मां बनती है तो, पुरुष भी पिता बनता है जिम्मेदारी दोनों की ही होती है ।बराबरी से निर्वाह करना चाहिए ।
आपका क्या कहना है ?जरूर बताएं।
धन्यवाद
पल्लवी वर्मा
स्वरचित मौलिक
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
बिल्कुल सही कहा आपने मैम। संदेशप्रद सृजन
बिलकुल सही कहा, स्त्री पुरुष कभी भी जन्मे हो पर माँ के साथ साथ पिता का जन्म होता है
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