मंदिर में अखंड रामायण चल रही थी, और गांव में सबसे अच्छी रामायण पाठ हमेशा नफीसा ही करती थी। खिला खिलागी, देख तेरी ईदी लाया। अपना सामान बांधने ले कुछ दिन मंदिर में ही रुकना माहौल चाहे जैसा भी हो राम लला की कथा तो आपके मुंह से ही अच्छी लगती है।नफीसा मंदिर में सोचती है।कितना सुकून यहां मस्जिद के जैसे, फिर भी पता नहीं क्यों? धर्म के। नाम पर बटे हुए हैं। प्रकाश सब पहले जैसे हो जाय ।
रामायण पाठ
हिंदू मुस्लिम के नाम पर राजनीति ना हो।
Originally published in hi
Pallavi verma
28 Jan, 2020 | 0 mins read
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