मेटरनिटी लीव

#Ichallengeyou स्त्री और मातृत्व अवकाश #5

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Pallavi verma
Pallavi verma 13 May, 2020 | 1 min read

माँ बनना हर किसी महिला के लिये बड़ी ही खुशी और सौभाग्य की बात होती है ।

पर इस मातृत्व की जिम्मेदारी को निभाते समय सभी को उसकी व उसके संतान की सेहत का ध्यान रखना होता है।

इस हेतु पहले कामकाजी महिलाओ को केवल 12 हफ्ते की मेटरनिटी लीव दी जाती थी।


डब्ल्यूएचओ के अनुसार

W H O के अनुसार किसी भी नवजात शिशु की सरवाइवल दर मे सुधार के लिए 24 हफ्तों तक ब्रेस्ट फीडिंग कराना ज़रूरी है ।

संशोधन

लोक सभा में मातृत्व लाभ संशोधन विधेयक, 2016 प्रस्तुत किया गया जिसे सदन ने बहुमत से पारित कर दिया।

क्या क्या प्रावधान है

*1961 के पुराने कानून की जगह संशोधित विधेयक में ,संगठित क्षेत्र की महिलाओं के लिये मातृत्व अवकाश का पीरियड अब 26 हफ्ते का बढ़ा दिया गया है ।

*यह अवकाश सवैतनिक होगा ,साथ ही आवश्यक क्रेंच सुविधा भी उपलब्ध कराएगा ।

इसके अलावा कई नए प्रावधान भी जोड़े गए हैं ।

*इसमें बच्चे अडॉप्ट करने वाली महिलाओं के साथ-साथ ,सरोगेसी से संतान सुख पाने वाली महिलाओं को भी कानून के दायरे में लाया गया है।

इन सभी बातों की जानकारी सभी कामकाजी महिलाओं को होना चाहिए।

किंतु संगठित क्षेत्र के अलावा असंगठित क्षेत्र की महिला कर्मचारी को भी मातृत्व अवकाश का लाभ मिलना चाहिए।

इस हेतु नियोक्ता एवं सरकार को मिलकर कोई नियम बनाना चाहिए ताकि असंगठित क्षेत्रों में महिलाओं को मातृत्व अवकाश दिया जा सके एवं उसका लाभ मिल सके, ताकि वह आर्थिक रूप से असुरक्षित ना हो, ना ही उनके कैरियर पर कोई असर पड़े।

और ना ही उनके शिशु के सेहत पर कोई आंच आए ।


धन्यवाद

पल्लवी वर्मा

स्वरचित

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