बंधा हुआ हूँ,
खुद के डरो की जंजीरो से |
चाहता हूँ कोई,
छुड़ा ले मुझे इन जंजीरो से |
जानता हूँ मुझे ही छुड़ाना हे,
खुद को खुद ही से |
फिर भी हूँ कब से,
जकड़ा हुआ हूँ इन जंजीरो में |
जानते हुए भी,
आज़ाद नहीं कर पा रहा हूं खुद को खुद ही से |
बंधा हुआ हूँ,
खुद के डरो की जंजीरो से |
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