सोच

Thoughts about thinking

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night_thinker
night_thinker 15 Aug, 2022 | 0 mins read
Thoughts Thoughts about thinking Thinking

सोच ने ही डाला था मुसीबत में,

सोच ने ही निकाला था मुसीबत से |

क्या करूँ इस सोच का,

यही सोच सोच कर पड़ गया हु मुसीबत में |

सोच ही जो हमे बढ़ती ही उम्र जीवन में,

और कभी कभी हम रुक जाते हैं इन्ही सोच की जंजीरो से |

रखो अपनी सोच को ऐसी की,

जो ना डाले तुम्हें मुसिबत में |

और अगर फस जाओ मुसिबत तो,

निकाल सके तुम्हें मुसिबत से |



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