घनघोर सन्नाटा फैला हुआ है चारों ओर ऐसे,
देख रही हो,
देख रही हो,
डर की आँखे देख रही हो चकोर जैसे |
पता नहीं होंगे रस्ते आगे कैसे,
पल पल,
धीरे धीरे,
दिल में हिम्मत कर चला जा रहा हूँ ऐसे;
डर की आँखे देख रही हो चकोर जैसे |
डर की आंखें
घनघोर सन्नाटा फैला हुआ है चारों ओर ऐसे,
देख रही हो,
देख रही हो,
डर की आँखे देख रही हो चकोर जैसे |
पता नहीं होंगे रस्ते आगे कैसे,
पल पल,
धीरे धीरे,
दिल में हिम्मत कर चला जा रहा हूँ ऐसे;
डर की आँखे देख रही हो चकोर जैसे |
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