रंग बिरंगे प्यारे-प्यारे, फूलों के है रुप निराले,
खुशी हो या हो गम़गीन,
भेदभाव ना मैं करती,मंदिर हो या हो मस्जिद..
सुगंध सभी की अलग-अलग
सभी परिस्थितियों में होती मैं उपयोगी
रंग बिरंगी प्यारे-प्यारे ,फूलों के हैं रूप निराले
कभी गालिब की गज़लो में महकू,
कभी किसी आशिक के संगी,
कभी प्रेम को मैं ही बतलाता
पूरा वातावरण को मैं ही महकाता
कभी किसी का स्वागत करती, कभी किसी की अंतिम विदाई मै करती,
साज सज्जा मैं ही उपयोगी....
रंग बिरंगे और मैं आकर्षक
सभी के मन को कितना भाऊ
सभी परिस्थितियों में होता मैं उपयोग
रंग बिरंगे, प्यारे- प्यारे ,फूलों के है रूप निराले...
@ नेहा श्रीवास्तव
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Bahut sundar
Dhanyvad 😊
Beautiful.
Thanks mam
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