करोना की वजह से 3 महीने हम बिल्कुल घरों में ही बंद हो गए...धीरे-धीरे तीज का व्रत भी पास आने लगा,,, तो हमें सामान खरीदने बाजार जाना था,, मेरे बेटे को भी पढ़ाई से संबंधित सामग्री खरीदनी थी...
......तो हमने सोचा चलो ...आज बाजार सामान खरीदने के लिए तैयार हुए ,,,,मास्क लगाया और अपना थैला लिया .....
.....बाजार की ओर आगे चल पड़े,,,जैसे ही हमने कुछ सामान तो खरीद लिया और कुछ सामान के लिए आगे बढ़े....
..... पीछे से एक लड़का लगभग बीस ,पच्चीस साल का तेजी से मेरे पर्स पर झपटा.... मैंने बहुत मुश्किल से खुद को संभाला ....अरे ....रे....एक सेकंड के लिए तो जैसे जबान पर ताला सा लग गया हो....फिर चोर.... चोर पकड़ो.....पर मेरे बेटे ने बहुत हिम्मत से उस चोर को जमीन पर दे पटका ....पिछले 8 महीने पहले उसने अपनी जुडो की क्लास में गोल्ड मेडल जीता.... था ....उसकी हिम्मत देकर मुझे भी हिम्मत मिली ,,,,फिर उस चोर को हमने पास ही पुलिस स्टेशन में दे दिया...
आस पास के सारे लोगों ने मेरे बेटे की बहुत तारीफ की..... उसकी वाह -वाही सुन''' मैं फूले नहीं समा रही थीं... उसका चेहरा देख कर ,,,,मुझे भी बहुत हौसला मिला और मन ही मन मैंने अपने बेटे की हिम्मत पर खूब गर्व हुआ... मेरा बेटा बस 12 वर्ष का था...
आजकल के बच्चों को बच्चा ना समझो...
....... वे समय आने पर बड़े बड़ो पर भारी .....हो सकते हैं!!!
""बचपन का डर ताउम्र रह जाता है ""अगर हम उस बचपन में ही उसे हिम्मत, हौसलें और सच्चाई से उसे सीखाये.... तो निश्चित रुप से हमें अपने बच्चों को सही गलत में फर्क समझ में आ जाएगा और वो कभी नहीं डरेंगे ...
हर बच्चा चाहे वह लड़का हो या लड़की ... सभी बच्चों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग जरूर लेनी चाहिए... ताकि वे बचपन से ही किसी से कभी ना डरे....
धन्यवाद...,💓💓
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