त्योहार परिवार के संग

Happy family

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Neha Srivastava
Neha Srivastava 27 Oct, 2020 | 1 min read
Nehadeep💐💐

रुपम हमेशा एकल परिवार में ही रहती....

मजा तो आता था लेकिन एक कमी सी रहती ....

जब रुपम की शादी हुई तो ,,उसे ढेर सारे परिवार के साथ रहने का मौका मिला ...तब उसे पता चला कि परिवार के क्या मायने होते हैं ,,

परिवार में एक साथ रहकर कितना अच्छा लगता है त्योहार का असली मजा तो परिवार के साथ ही

है वहां सबकी पसंद का...

.....सभी लोग एक दूसरे की मदद करें ,,एक दूसरे को खुशी देखकर खुश हो जाए ,,

अब उसे परिवार का मायने समझ में आ गया ....फिर उसके पति की नौकरी लग गई और वो दूसरे शहर में रहने लगा.... कुछ दिन बाद रुपम भी साथ चली गई,, लेकिन जब भी कोई त्योहार आता तो उसकी आंखों में आंसू होते क्योंकि उसे परिवार की याद आती ...वो सांसूमाँ के पास बैठकर घंटो बातें करना,, उनकी बातें सुनना ,,उनकी जमाने में क्या क्या हुआ करता था कैसे-कैसे काम होते ,, कितनी मुश्किलो का सामना उन्होंने किया ... सास ससुर में ही माता-पिता की छवि देखना,, अपने घर की परंपरा जानना,, त्योहार में क्या-क्या करते हैं ,,किस विधि विधान से पूजा करते हैं,,,

अपनी पति के बचपन की दिनों के बारे में जानना....

रुपम की हालत देखकर उसके पति ने उससे एक वादा किया ....जब त्योहार आएगा ,,तो हम पूरे परिवार के साथ ही मनाएंगे... तो रूपम की खुशी का ठिकाना ना रहा....

सच मे दोस्तों,, त्योहार तो एक बहाना होता है,,, जब पूरा परिवार एक साथ बैठकर बातें करते हैं ,,हंसी मजाक करते हैं ....तो उसकी बात ही कुछ और है...

हर दिन,, एक त्योहार से कम नहीं होता,,, जिस परिवार में बड़े, बुजुर्गो का छाया होता है ,,उस परिवार में भगवान साक्षात दर्शन देते हैं ,,हमेशा अपने घर में बड़े बुजुर्गों की बातों का सम्मान और उन्हें ढेर सारा प्यार दे....उनके आशीर्वाद से आप का आशियाना हमेशा खुश रहेगा।


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