जय श्री राम

""नाना भ्रांति रामअवतार रामायण सत कोटि अपार ''मनुष्य के जीवन में आने वाले सभी संबंध को पूर्ण उत्तम रूप से निभाने की शिक्षा देने वाले प्रभू श्रीराम ''के समान कोई दूसरा चरित्र नहीं है।।

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Neha Srivastava
Neha Srivastava 09 Aug, 2020 | 1 min read

सभी दिशाओं में राम नाम लहराया ....

अयोध्या में पुनः रामराज्य बसाया ....

प्रभु ने अद्भुत आदर्श रूप दिखाया ....

जिनके रंग में रंगी पूरी अयोध्या नगरी.....

सहित देश-विदेश और ब्रह्माण्ड समाया.....

मातृभक्ति, पितृभक्ति, भाईचारा के मिशाल बने ....

एकपत्नीव्रता, भक्तिभाव से धरा पर स्वर्ग बनाया .भेदभाव मिटा शबरी के प्रभु श्रीराम कहलाये....

और उनके जूठे बैर भी खाया ....

साहस, विनम्रता और सत्य के स्वामी बने

आज्ञाकारी और अच्छे मित्र बने परम तपस्वी ....

मानवता को उत्कृष्ट आदर्श का पाठ पढ़ाया....

मुश्किल परिस्थितियों में भी धैर्यशीतलता का ज्ञान कराया ...

मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु जहां बसे ...वहाँ रामराज कहलाया .....

सच्चे ह्रदय से ध्यान करें ...औषधि रूपी नाम जपे....

सब व्याधि और कष्ट... पल भर में दूर नपे...

मन को भी परम शांति मिले और जग में अपना नाम करे.....

सबको देखें वे समदर्शी भाव से....

विभीषण संग शरणागत वत्सल बने....

प्रिय हनुमान जय जय श्री राम नाम जपे......

......... जय श्री राम..........

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