रीमा जल्दी जल्दी खाना बना लो.... हमारी ट्रेन आज 3:00 बजे की है और लंच पैक करना है अभी तो इतनी तेज धुप थी अब आसमान मे काले बादल छा गए हैं जैसे दिन में अंधेरी काली रात .... बारिश कभी भी शुरू हो सकती है।।
3 महीने से पैकिंग कर रही हो और अभी तक तुम्हारा बैग पैक नहीं हो पाया.... जल्दी करो... हमें 1:00 बजे तक घर से निकल जाना है ""मौसम का कुछ भरोसा नहीं है बिन मौसम की बारिश लगती है...""भाभी रीमा की पहली विदाई की पूरी तैयारी कर लेती है ....रीमा को बारिश में भीगना बहुत अच्छा लगता है::: पर आज क्या करती ट्रेन थी.... शादी की बाद की पहली विदाई,,,, भाभी पता नहीं क्यों आज आंखों बहुत भारी हो रही है,,
क्या करु...''' आखों से आंसू रुकने का नाम ही नहीं ले रहे है।।।।""बस अब इतना ख्याल सकते हैं सावन जी ,आप और मैं अपने छोटू के बिना कैसे रहूंगी यह मेरी पहली विदाई है न ....तो.....रोना तो आएगा ही ना....
प्यार बहुत अनमोल होता हैं....""कब पराये को अपना बना ले पता ही नहीं चलता ,,वीर की छोटी-छोटी बातें उसकी खुशी,, उसका तोतली भाषा मे चाची ....चाची ....बोलना ....
उसके बिना में कैसे रह नहीं पाओगी,,, अपने मायके में ...
एक तरफ आसमान से बारिश कभी भी शुरू हो जाएगी और दूसरी तरह मेरी आंखों से बारिश रुकने का नाम ही नहीं ले रही,,
मुझे वह पहली बारिश हमेशा याद रहेगी ...वो पहली ही बारिश.... जिसमें मैं बहुत रोई.... पर.....वो आंसू ख़ुशी के थे....
भगवान का शुक्रिया अदा करने के लिए ...इतना अच्छा परिवार देने के लिए ,,,शुक्रिया
आज शादी के इतने साल बीत गए पर.... पर... वो बारिश और पहली विदाई कभी नहीं भूलती..... लड़कियां ससुराल जाते समय रोती है ,,,और तुम ससुराल से मायके जाते समय रो रही थी।। आप भी ना... चिढ़ाने बिना का कोई मौका नहीं छोड़ते.....
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