जिंदगी तंहा और उदास थी ,शायद किसी की आस थी
ना कुछ करने की चाह और ना ही कुछ बात थी
जब से paperwiff का संग मिला
मन को पंख और विचारों को उड़ान मिला
अब लगता है कुछ ऐसा कर पाऊंगी
अपने सपनों को बुनती चली जाऊंगी
एक इत्तेफाक मेरी संग हुआ
विचारों को कागज और कलम का संग मिला
जब से paperwiff का संग मिला
अब जिंदगी ना तंहा और ना उदास रही
हर पल एक आस संग रहने लगी
अब मेरी जिंदगी फूलों से गुलजार रहने लगी ।
@ नेहा श्रीवास्तव
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Dil se😘😘😘
वाह
Nice
Thanks both of you😄😄
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