पहला हर चीज अज़ीज़ होता है...
पहला कभी भुलाये नहीं भुलता,
चाहे वह प्यार हो या किताबो का ऩशा
हमें भी किताबों का कुछ ऐसा नशा लग गया
पहले सिर्फ पढ़ने का था
अब लिखने का भी हो गया...
लिखने का शौक कुछ इस कदर बोलता है
हमारी कलम अंधेरे में भी लिखने लगती है
सपनों में भी चलने लगती है
हर पल कुछ रचने लगती है...
अब बिना कुछ लिखे कमबख्त नींद भी ना आएगी
कुछ लिखने पर ही हमें चैन से सांस आएगी
अपने लिखने की जज्बात को ऐसे ही जगाए रखना है, जैसे अंधेरे में दीपक जलाए रखना है.....
क्या आपको भी कुछ लिखने का ऐसा ही शौक है,कमेंट कर बताइए।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Bahut sahi
Thank you💐💐
Gajab yar
Thanks dear💐🎂
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