Neha Srivastava
Neha Srivastava 01 Dec, 2020
धुंध
ये कैसी धुंध सी चारों ओर छा रखी है.... ये अविश्वास की चादर सी आसमां मे फैला रखी है....... बस,, इंतजार है तो सूरज निकलने का ......रोशनी हर धुंंध को मिटाने की लिए काफी है......

Paperwiff

by nehadeep

01 Dec, 2020

Fog and dew

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