दिल में दर्द नहीं
आंतों को सुलगता देखा
आज मंदिर में
भूखा बच्चा रोता देखा
पत्थर की मूरत भी
पसीज उठी
जब खुद पर बहता
हुआ दूध देखा
छोटी सी जान की
लाचारी कैसी
कैसी होगी वो माँ
जिसका लाल देखा
जिसके द्वारे से कोई
झोली ना जाए खाली
उसके द्वारे पर एक
नन्हा मुरझाया फूल देखा.
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Well penned
Thank you so much❤
Please Login or Create a free account to comment.