उदास लम्हों से
कुछ गुफ्तगू कर लें
कुछ अपनी कह कर
कुछ उनकी सुन लें
कुछ तो है जो
सब कुछ होते हुए भी
कुछ लम्हे बहुत मायूस से हैं
न जाने क्या बात हुई
जो दिल के भीतर कुछ टूट सा गया
कोई ख्वाहिश तो है
जो अधूरी सी रही
हसरतें छोटे से दिल की
न जाने क्यों पूरी न हुई
चलो लम्हों से गुफ्तगू कर लें
कुछ अपनी कह कर
कुछ उनकी सुन लें
कुछ तो करार आ ही जाएगा
उन लम्हों को भी
और ख्वाहिशें जो अधूरी रह गई
उन्हें समझाना होगा
कि जब कहीं कुछ अधूरा रह जाता है
तो भी जीवन थम नहीं जाता
हमेशा आगे बढ़ने का
नाम ही जिंदगी है
और जब कुछ ख्वाहिशें
अधूरी रह जाती हैं तो
उनकी जगह ले लेती हैं
कुछ नई उम्मीदें
और यकीन मानो यह नयी उम्मीदें
जरूर पूरी होती हैं
नया सवेरा जब भी आता है
उम्मीदों का सूरज
उदय हो ही जाता है ☀
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
खूबसूरत रचना
Thanks bhai
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