तू कितनी अच्छी है

मां के आंचल में जन्नत होती है

Originally published in hi
Reactions 0
596
Namrata Pandey
Namrata Pandey 28 Mar, 2021 | 1 min read
#proudmoment

लंदन में अपनी व्यस्तता के कारण दो साल से इंडिया नहीं आ पाया था. सोचा इस बार होली पर मां को सरप्राइज देता हूँ . होली से एक महीने पहले ही इंडिया आने की सब तैयारी पूरी कर ली, सोचा दिल्ली आकर पहले गाजियाबाद में अपने छोटे भाई के साथ पन्द्रह दिन बिताउंगा, फिर हम दोनों भाई कानपुर मां के पास जाएंगे यानी इस बार होली में फुल हुड़दंग विद कनपुरियों संग.

जब छोटू के पास पहुंचा तो छोटू मुझे देख कर हैरान रह गया, बोला "भैया हार्टअटैक करवाओगे क्या,ऐसे सरप्राइज मत दिया करो."

पन्द्रह दिन हम दोनों भाइयों ने खूब मस्ती की और फिर छोटू की गाड़ी में ही कानपुर के लिए रवाना हुए.

घर के करीब आते हुए छोटू बोला , "भैया मधुबन स्वीट्स से मां के लिए जलेबी और कचौरी पैक करा लेते हैं, मां को बहुत पसंद है". थोड़ा हेल्थ कॉन्शयस होने के कारण मैंने तुरंत कहा नहीं, छोटू मां को अब इस उम्र में इतना ऑयली नहीं खाना चाहिए ,कुछ और ले लो फ्रूट्स ठीक रहेंगे पर छोटू नहीं माना और उसने मां के लिए जलेबी और कचौरी पैक करवा लिए.

हम घर आए और गाड़ी से अपना सामान उतारने लगे. मैं तो मां को भी सरप्राइज ही देने वाला था पर छोटू ने मां को पहले ही खबर कर दी थी. माँ दरवाजे पर खड़ी थी. जैसे ही मैंने अपना सूटकेस गाड़ी से उठाया, मां चिल्ला पड़ी" छोटू,भैया को भारी अटैची मत उठाने दो उनके पेट में दिक्कत हो जाती है ना. मुझे याद आया कि बचपन में भी मैं छोटू का हल्का बस्ता और छोटू मेरा भारी बस्ता लेकर स्कूल जाते थे क्योंकि मुझे भारी सामान उठाने से पेट में दिक्कत हो जाती थी . छोटू ने मेरे हाथों से मेरी अटैची ले ली पता नहीं चला कब मेरी आंखों में आंसू आ गए यह देखकर कि मां के लिए मैं आज भी छोटा बच्चा हूं भले ही विदेश में मैं अपना हर काम खुद ही करता हूं पर मां यहां मेरी अटैची छोटू से ही उठवांएगी और मैं मां को उम्रदराज समझ कर कर छोटू को उनकी पसंद की चीजें खिलाने से मना कर रहा था .

मैंने सोचा मैं भी मां का इतना ध्यान रखूंगा कि माँ भी अपनी उम्र भूलकर हमारे साथ हर खुशी में शामिल हों. छोटू ने मां के हाथों में कचौरी और जलेबी का पैकेट पकड़ाया तो माँ खुश होकर प्लेट में सबके लिए नाश्ता निकालने लगी . तब तक मैं और छोटू भी हाथ मुंह धो कर आ गए थे.

0 likes

Published By

Namrata Pandey

namratapandey

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.