शोर

कोरोना से हालात लगातार बिगड़ रहे हैं, हमारे अपने हमारा साथ छोड़ रहे हैं, और हम कुछ नहीं कर पा रहे

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Namrata Pandey
Namrata Pandey 20 Apr, 2021 | 1 min read

आजकल शोर बहुत है

जलती चिताओं का

जहर मिली हवाओं का

कातिल फिजाओं का 

खूब बन्दोबस्त है

आजकल शोर बहुत है

हर तरफ शोक है

कैसा ये प्रकोप है

पस्त हुयी सोच है

सब अस्तव्यस्त है

आजकल शोर बहुत है

अन्धेरा घनघोर है

मन्नतों का दौर है

मिन्नतें हर ओर हैं

इंसानियत त्रस्त है 

आजकल शोर बहुत है

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Namrata Pandey

namratapandey

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