नसीब

समाज में फैली विसंगतियों के प्रति

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Namrata Pandey
Namrata Pandey 06 Feb, 2021 | 0 mins read
#ourcountry #poverty

चिरागों से रोशन है घर

जो खुशनसीब होते हैं

कुछ घरों के हिस्से में

दिए भी नहीं होते हैं

पलते हैं वो बच्चे जो

मां बाप से महफूज़ होते हैं

कुछ बच्चे तो

इस दौलत से भी गरीब होते है

कुछ का चांद उस गली में

आता ही नहीं

और कुछ के तो तारे भी

करीब होते हैं

हर चीज यहां

सबको बराबर मिलती नहीं

सबके अपने अपने

नसीब होते हैं.

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Namrata Pandey

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