Namrata Pandey
Namrata Pandey 05 Oct, 2020
न्याय
जघन्य एवं क्रूरतम अपराधों के सन्दर्भ में बालिग और नाबालिग की बहस बेमानी हो जाती है, क्योंकि जो व्यक्ति क्रूरता की हदें पार कर सकता है, जिसकी सोच में नीचता भरी हो वह नाबालिग हो भी तो कड़ी से कड़ी सजा का पात्र है.

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by namratapandey

05 Oct, 2020

बेटी बचाओ# जस्टिस

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