Namrata Pandey
06 Dec, 2020
संस्कार और भाग्य
हमारे मन कर्म और वचन हमारे माता पिता के दिए संस्कारों पर निर्भर होते हैं और इन्ही से हमारा भाग्य निर्मित होता है ,अतः किसी की देखा देखी या किसी के कहने में आकर उनमें बदलाव मत कीजिए, आप जैसे हैं वैसे ही रहें, अपनी पहचान को खोने मत दीजिए
Paperwiff
by namratapandey
06 Dec, 2020
मेरी पहचान
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.