Namrata Pandey
26 Sep, 2020
मेरा परिचय
जिंदगी के एक मोड़ पर एक अलसाई सी सुबह
खिड़की के परदे हटाती हुई
खुद से जा मिली और तब.... ये अहसास हुआ कि अब तक तो मैं खुद को जानती ही नही थी
है मेरे अंदर असीमित प्रकाश सूर्य सा और शक्ति है अपार असीम संभावनाओं की धुरी हूँ मैं
हाँ सबसे बढकर मेरे अंदर एक नारी है जो है
इस सृष्टि की रचयिता जीवनदायिनी माँ हूँ मैं,
मेरी ही ऊर्जा से घर में उजाला है, बहती है प्राणवायु घर के हर कोने में, और घर के आंगन में बसती हूँ मैं तुलसी बनकर.
Paperwiff
by namratapandey
26 Sep, 2020
मेरी पहचान
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