Namrata Pandey
12 Jul, 2022
हमारी बेटियां
आज बरसों बाद तीनों बहनें फिर उसी पहाड़ी के छोर पर आकर खडी़ थीं, जहाँ वे दादी माँ के
तानों से ऊबकर आ जाती थीं, ताने जो असल में माँ को दिये जाते थे, तीन तीन बेटियां पैदा करने के लिए. आज तीनों बहनें आई ए एस, पी सी एस और डाक्टर बनकर परिवार और पूरे शहर का नाम रोशन कर रहीं हैं और जो दादी बेटियों को पढा़ने के खिलाफ थीं, आज बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ के नारे लगाते नहीं थकती हैं.
Paperwiff
by namratapandey
12 Jul, 2022
#PitcurePrompt-2
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.