Namita Gupta
Namita Gupta 24 Sep, 2025
हूं मैं दृढ़ चट्टान भी
कह सकी न बात अब तक, खुद से कहना चाहती हूं अव्यक्त जो कब से रहा, अब व्यक्त करना चाहती हूं !! मांगी दुआ सबके लिए, धूप बारिश हवा सब सलामत रहे अबकी प्रार्थनाओं में अपनी, खुद को भी कहना चाहती हूं !! मत समझना मोम सी, हूं मैं अब दृढ़ चट्टान भी देखो , वरियताओं के सारे, क्रम बदलना चाहती हूं !!

Paperwiff

by namitagupta

24 Sep, 2025

#दृढ़ #firm

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