मेरी पसंद??

मेरी पसंद

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Nalini Mishra dwivedi
Nalini Mishra dwivedi 15 May, 2020 | 1 min read

हैलो...... हाय जिया कैसी है? मै ठीक हूँ।और तू बता क्या चल रहा आज कल? मै और रीना जा रहे है कल शौपिंग साड़ी लेने  के लिए ,तू भी चलती तो अच्छा रहता। शादी से पहले हम साथ मे जाते थे कितना अच्छा लगता था। कल चल ना ।
मै...... नहीं जा सकती।तुझे तो पता है ना मेरे यहाँ सासू माँ साड़ी लाती हैं। कभी कहती हू तो कहती है जो समान चाहिए  बता दो मै ला दूंगी। 
जब से शादी हुई है तुम मार्केट नहीं जाती।शादी से पहले तुम कपड़े अपनी पसंद के पहनती थी। अब जो भी साड़ी लाती है तू पहन लेती है। "चाहे पसंद हो या ना हो "अरे कभी तुम्हारा भी मन करता होगा कि तुम अपनी पसंद के कपड़े पहनो, घरवालो के लिये  शौपिंग कर के लाओ।
"मन तो करता है लेकिन सासू माँ इतने प्यार से लाती है, पसंद नहीं रहती है साड़ी तो भी पहन लेती हूँ"। कभी कहती नहीं कि मुझे पसंद नही।
ऐसा कब तक चलता रहेगा कि तुम दूसरे की पसंद को अपनी पसंद बनाती रहोगी।तुम्हारी सासू माँ को बुरा ना लगे इसलिये "अमन जी "तुम्हें बाहर घूमाने नही ले जाते। वो नहीं कहेंगी कि "जा बहू शौपिंग पर"।पहल तुम्हें ही करनी होगी। तुम्हे ही कहना होगा.....। कल बारह बजे आऊंगी  लेने तुम तैयार रहना।ओके बाय.......। फोन कट जाता हैं ।

जिया सोचने लगती हैं, सच तो कह रही हैं श्वेता जब से शादी करके आई हूँ इस घर मे हमेशा सबकी पसंद से ही करते आई हूँ, कपड़े से लेके खाने तक सबकी पसंद से।"मेरी पसंद है क्या " मै भूल गई हूँ।मुझे याद नही कि मैने कब अपनी पसंद के कपड़े खरीदे थे।अब बस बहुत हो गया, अब मुझे ही घरवालो के सामने अपनी बात रखनी होगी।
कही जा रही हो बहु...? हाँ माँ अभी श्वेता आ रही है उसके साथ साड़ी लेने जा रही हूँ।
मै कल जा रही हू ना मार्केट , तुम्हें क्या जरुरत है जाने की।माँ मै सोच रही इस बार मै अपनी पसंद से आपके लिए साड़ी लाऊ।तुम्हें पता है ना कि मुझे किसी की पसंद की साड़ी पसंद नहीं आती।

 माँ ये तो मै भी कह सकती हूं "आपको बुरा ना लगे" इसलिए जो भी लाती थी ले लेती थी। "मेरी पसंद है क्या"? आपने कभी जानना चाहा नहीं।कपड़े भी आपके पसंद के पहनने होते है।यहाँ तक खाना भी हर समय आपकी पसंद का बनता हैं, कभी आप नहीं कहती कि बहु आज खाना अपनी पसंद का बना लो।मेरा भी  मन करता है कि मै आप लोगों के लिए शौपिंग कर के लाऊ।सासूमाँ चुप थी, क्योंकि मै सही थी।
 तभी "ससुर जी बोले" सही तो कह रही है बहु,  तीन साल हो गए शादी को लेकिन कभी मार्केट नही जाने दिया।सब कुछ घर पर ला कर दे देती थी। थोड़ी आजादी तो उसे भी देना चाहिए ।
तभी श्वेता आ जाती हैं, चले.......जिया? हाँ चलो।
जा रही हूँ माँ।सासु माँ ने उसे रोका नही।जिया ने अपने ससुर जी को धन्यवाद बोलती है और शौपिंग के लिये चली जाती है।

धन्यवाद ।।

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