MUKESH KUMAR
MUKESH KUMAR 09 Mar, 2023
ये बात तो गलत है
डूबा रहूं सारा दिन तेरी ही उलझनों में फिर भी तू कहे ये बात तो गलत है करता रहूं ख्वाहिशें पूरी तेरी फिर भी तू कहे ये बात तो गलत है बहाता रहूं आंसू दिन–रात तेरे फिर भी तू कहे ये बात तो गलत है मनाता रहूं तुझे हर एक बात पे फिर भी तू कहे ये बात तो गलत है दिल चीर के रख दूं तेरे सामने फिर भी तू कहे ये बात तो गलत है मैं ही गलत हूं तो गलत ही क्या है? फिर भी तू कहे ये बात तो गलत है मैं इस ग़म में कहीं मर न जाऊं फिर न कहना कि ये बात गलत है!

Paperwiff

by mukeshkumar

09 Mar, 2023

कोई बात अगर गलत हो, तो उसको ठीक भी किया जा सकता है।

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